बदायूं में महिला के शव से पोस्टमॉर्टम हाउस पर आंखें गायब होने के मामले में आखिरकार कार्रवाई हो गई। इस मामले में सीएमओ डॉ. प्रदीप कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। वजह है कि पूरे मामले में डॉक्टरों की लापरवाही मिली और सीएमओ विभाग के मुखिया हैं। सड़क से लेकर शासन तक हुए हंगामे के बाद तीसरे दिन यह कार्रवाई अमल में लाई गई है।
डिप्टी सीएम ने की कार्रवाई
सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी डिप्टी सीएम ने अपने एक्स अकाउंट पर दी है। इसमें डिप्टी सीएम ने स्पष्ट लिखा है कि जनपद बदायूं में मृतक महिला के पोस्टमॉर्टम के दौरान उसकी आंखे निकाले जाने के आरोपों संबंधी अत्यंत दुःखद प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बदायूं को अपने दायित्वों व कर्तव्यों के प्रति लापरवाही करने व प्रशासनिक नियंत्रण शिथिल होने के परिणाम स्वरूप तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
साथ ही इनके विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई करने व निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य से आरोपों की जांच कराए जाने के भी निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए गए हैं। प्रथम बार पोस्टमॉर्टम करने वाले चिकित्सकों एवं कार्मिकों का विवरण उपलब्ध कराये जाने हेतु अपर निदेशक, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण बरेली मंडल बरेली को निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग में अपराध कारित करने वालों व ऐसे घृणित कृत्य करने वालों का कोई स्थान नहीं। उक्त प्रकरण में संलिप्त सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अब गिरफ्तारियों का इंतजार
पुलिस ने फौरी तौर पर इस मामले में दो चिकित्सकों की गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेज दिया है। जबकि पोस्टमॉर्टम करने वाले कर्मचारी समेत स्टाफ के अन्य लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई है। चूंकि मुकदमा पूरी पोस्टमॉर्टम टीम के खिलाफ लिखा गया है। ऐसे में अब यही अटकलें हैं कि आने वाले दिनों में बाकी लोगों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।
ये था मामला
मुजरिया थाना क्षेत्र के रसूला गांव के जोगेंद्र के साथ पूजा की 9 महीने पहले शादी हुई थी। पूजा अलापुर के कुतरई गांव की रहने वाली थी। पिता का नाम गंगाचरन है। रविवार को पूजा की ससुराल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। शव कमरे में लटका मिला था। मायके वालों की तहरीर पर ससुरालवालों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की fir दर्ज हुई।
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हैंगिंग से मौत की पुष्टि हुई। पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया दो डॉक्टर्स के पैनल से कराई गई। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया। शव की आंखें गायब मिलीं तो री पोस्टमार्टम हुआ और इसके बाद पोस्टमार्टम टीम के खिलाफ मुकदमा लिखा गया था।